नई दिल्ली , जिस घर में महिलाएँ शिक्षित होती हैं उस घर का परिवार शिक्षित होता है और व्यक्ति या समाज का विकास शिक्षा से ही होता है। ऐसे शिक्षित महिलाओं की भागीदारी से ही देश की प्रगति होगी परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.उदित राज ने नार्थ अवेन्यु में आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि कही.
ऑल इंडिया परिसंघ दिल्ली प्रदेश महिला विंग के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विचार परिचर्चा का आयोजन आज नॉर्थ एवेन्यू,नई दिल्ली में किया गया ।
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मौके पर बोलते हुए दिल्ली परिसंघ कि सचिव कुसुम सबलानिया ने कहा कि डॉ अम्बेडकर महिलाओं कि मुक्ति के सबसे बड़े नायक थे. उस दौर में जब भारत में महिलाओं को चौके से बाहर कल्पना भी नहीं कि जाती थी बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने संसद में हिन्दू कोड बिल पेश किया. इतना ही नहीं महिला अधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबदधता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने हिन्दू कोड बिल के सवाल पर मन्त्री पद से इस्तीफ़ा तक दे दिया.
इस मौके पर परिसंघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ ओम सुधा ने कहा कि पूरी बहुजन वैचारिकी महिला मुक्ति के धरातल पर कड़ी है पेरियार से लेकर ज्योतिबा फुले तक और सावित्री बाई फुलले से लेकर बाबा साहब डॉ अम्बेडकर तक सबने भारत में महिला मुक्ति के आन्दोलन को मजबूत किया है.
परिसंघ दिल्ली प्रदेश महिला विंग की अध्यक्षा श्रीमती चंद्रकांता सिवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई परिचर्चा में परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.उदित राज ने संबोधित किया।परिचर्चा का संचलन परिसंघ महिला विंग की राष्ट्रीय सचिव सुश्री कुसुम सबलानिया ने किया।
श्रीमती चन्द्रकांता सिवाल , रमा नैयर, सुषमा खोबा, ललिता जाज़ोरिया, अलका नीम, लक्ष्मी, सोनिया राणा आदि १०० से जादा महिलाओंने परिचर्चा में हिस्सा लिया। श्रीमति चन्द्रकांता जी ने मौजूद महिलाओं को धन्यवाद देते आभार प्रकट किया।
-कुसुम सबलानिया राष्ट्रीय सचिव-परिसंघ महिला विंग
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