गृह मंत्री निगम चुनाव में हैदराबाद पहुंचते हैं, लेकिन आवास से महज 20 किलोमीटर जाकर पीड़ित बच्ची के परिजन से नहीं मिल सकते। यह देश की विडंबना ही है।
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16 अगस्त 2021, दिल्ली में श्मशान घाट से पानी लेने गई नौ वर्षीया दलित नाबालिग की बीते एक अगस्त को रेप के बाद हत्या का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। जंतर-मंतर पर परिसंघ की तरफ से कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। इसमें परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सह कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. उदित राज समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए। डॉ. उदित राज ने कहा कि एक अगस्त को नांगल दिल्ली कैंट में नौ वर्षीया दलित नाबालिग का बलात्कार कर हत्या कर दिया गया। आज महिला किसी भी जाति धर्म की हो हमारी सामाजिक संरचना में उसकी स्थिति दोयम दर्जे के नागरिक की भांति हो गई है। जब दलित-आदिवासी महिला के मामलों को देखें तो दूसरे दर्जे की भी नागरिकता की जगह नहीं है। क्या किसी और वर्ग की नाबालिग लड़की के साथ ऐसा हो सकता है कि 5ः30 बजे सुबह लड़की श्मसान से पुजारी के यहां जाती है और उसका बलात्कार के बाद हत्या कर दिया जाता है। निडरता की हदें पार कर बलात्कार का आरोपी पुजारी लड़की के बाप को खबर भी देता है कि तुम्हारी बेटी को करंट लग गया। मर गयी। हमने उसको जला दिया। ऐसे कृत्य दलित और आदिवासी महिलाओं/बच्चियों के साथ ही संभव है। उसके बाद लोग विरोध न करते तो बच्ची को बिजली के करंट से मरा हुआ मान लिया जाता।
करंट से बच्ची के मरने की बात मनवाने के लिए माता-पिता को दिनभर बैठाया थाने में
डॉ. उदित राज ने कहा कि एक और आश्चर्य की बात है कि पुलिस ने पीड़िता के माता-पिता को पूरे दिन थाने में बैठाया। दवाब बनाया कि वो मान लें कि बच्ची की मौत करंट से हुयी है। कुछ पैसे ले देकर मामले को रफा-दफा करने का भी दवाब बनाया गया। गृहमंत्री के आवास से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर ऐसी हृदयविदारक घटना होती है, लेकिन उन्होंने इस मामले का संज्ञान तक नहीं लिया। गृहमंत्री निगम के चुनाव में हैदराबाद तक पहुंच जाते हैं, लेकिन महज 20 किलोमीटर जाकर पीड़ित बच्ची के परिजनों से नहीं मिल सकते। जंतर-मंतर पर आज के कैंडल मार्च रखने का उद्देश्य है कि मुद्दे को लोगों की नजरों में बनाये रखा जाए। ऐसा नहीं हुआ तो मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा। आरोपी आज़ाद हो जाएगा।
अनोखी नहीं बल्कि दिनचर्या बन गईं हैं ऐसी घटनाएं
यह घटना अपने आप में अनोखी नहीं बल्कि दिनचर्या बन गयी है। इसके बाद त्रिलोकपुरी में महज छह महीने की बच्ची के साथ बलात्कार हुआ। सोनीपत में घर में घुसकर मां के सामने घंटों बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया। दिल्ली कैंट की घटना निर्भया कांड से किसी मामले में कम दुर्दांत नहीं है। उस घटना को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने इतनी गंभीरता से लिया, यह सभी जानते हैं। निर्भया का शरीर सिंगापुर से आया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धांजलि देने खुद एयरपोर्ट पहुचे। उसके बाद सरकार ने तमाम ठोस कदम उठाये, लेकिन इस घटना का अब तक संज्ञान नहीं लिया गया। हमारे कैंडल मार्च का मकसद है कि दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा जल्द से जल्द सजा दिलाई जाए। पीडिता के परिजनों को सुरक्षा, एक करोड़ मुआवजा और अदालत की निगरानी में पुलिस द्वारा तथ्य, साक्ष्य व गवाहों की व्यवस्था की जाए। ऐसा नहीं होने पर पुलिस इस जघन्य अपराध भी वही हाल करेगी जो अन्य मामलो में होता रहा है। कैंडल मार्च में देश की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता योगिता भयाना, समाजसेवी अनिल पासवान, प्रेम सिंह चौहान, डॉ. ऋतु सिंह समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे
डॉ उदित राज ,पूर्व सांसद सह राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस
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